
आरजू जोर-जोर से चिल्लाई.... "नहीं प्लीज ऐसा मत करो भगवान के लिए मुझ पर दया खाओ। तुम चाहे तो मेरी जान ले लेना लेकिन मेरे बच्चों को कुछ मत करो आखिर इन लोगों ने तुम्हारा क्या बिगाड़ा है।" कहते हुए दर्द और डर के मारे उसकी सांसे धीमी पड़ने लगी।
वही राघव को इन सारी चीजों से कोई फर्क नहीं पड़ रहा था उस ने अपने पंजों की मुठिया बनाई और जोरदार मुक्का आरजू के पेट पर मार दिया।




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