
दरवाज़े से आती आवाज सुनकर जहां राघव के एक्सप्रेशन बुरी तरह बिगड़ गए वहीं आरजू को तो जैसे नई जिंदगी मिल गई हो। वो आवाज अभी भी रुकी नहीं तो राघव गुस्से से आरजू के मुंह को झटकते हुए बेड से उठा और तमतमाते हुए उसने दरवाजा खोला।
लेकिन सामने खड़े इंसान को देखकर उसके चेहरे के भाव बदल गए। और उसने बाहर आते हुए दरवाजा बंद किया और दांत पीसते हुए उसने अपने सामने खड़े विरेंद्र से कहा_____ "डैड, आप यहां क्या कर रहे हैं ? मैंने कहा था ना आज मुझे कोई डिस्टर्ब नहीं करेगा। फिर आप खुद ही चले आए... क्यूं डैड ? ऐसी भी क्या इमरजेंसी आ गई"




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