
"झूठ...!!" कहते है इंसान को झूठ बहुत सोच समझ कर बोलना चाहिए। वरना भले ही वो झूठ दबाव में आकर बोला गया हो लेकिन उसका अंजाम बुरा ही होता है। झूठ बोलने वाला इंसान कभी भी चैन की नींद नहीं सो पाता।
और "सच...!!" अक्सर करके सच इन्सान को पहली बार में तकलीफ देता, लेकिन सच भविष्य पर बोझ नहीं बनता। जब हम एक ही बार में सच कहते है, तो आगे जाकर दिल में सुकून रहता है की कम से कम वो बात खत्म हुई। और अब उससे आगे बढ़ा जा सकता है।




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