
गोवा के समुद्री इलाके में बने उसी इकलौते कॉटेज के सामने आरांश की कार तेज़ी से आकर रुकी। जिसमें से आरांश बेहद गुस्से से बाहर निकला और बैक सीट का दरवाजा खोल कर आरजू को एक बार फिर अपने कंधे पर उठाकर वो अंदर की ओर बढ़ गया ।
वही आरजू अभी भी लगातार चिल्लाए जा रही थी, लेकिन आरांश को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। वो आरजू को अंदर कमरे में लाकर बेरहमी से बेड पर लगभग पटक देता है, और फिर गुस्से से अपने कोट को निकाल कर फेंक दिया और शर्ट की बटन खोलने लगा।




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